भारतीय राजाओं का रंगीन मिजाज़

दोस्तों, आपने वो डायलाॅग तो सुना ही होगा ‘‘शौक बड़ी चीज़ है’’। केवल भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में ऐसे-ऐसे लोग हैं जो केवल और केवल अपने शौक के लिए जाने जाते हैं। कुछ लोगों को स्टैम्प कलेक्शन का शौक होता है तो कुछ को अपने नाखून बड़े करने का। कुछ को कोई खेल खेलने का शौक होता है तो कुछ लोगों को किसी भी काम में कोई वल्र्ड रिकाॅर्ड बनाने का शौक होता है। जैसा कि आप सब जानते हैं कि हमारे देश में शुरू से ही राजा महाराजाओं का राज रहा है।

भारत की ही भूमी पर बहुत से ऐसे राजाओं ने कई वर्षों तक राज किया है और जिनका नाम इतिहास में दर्ज भी हो गया है। यहां पर राज करने वाला हर राजा अपने अजीबोगरीब शौक के लिए जाने जाते थे। कोई राजा ऐशो आराम की जिन्दगी जीने का शौकीन था तो किसी राजा को अपनी प्रजा के लिए किए गए इंसाफ की वजह से जाना जाता है। ऐसे राजा भी यहां पर हुए हैं जिन्हें उनके दान के लिए जाना जाता था। इन्हीं में से एक राजा बली भी थे जिन्होंने भगवान विषणु जो वामन अवतार में उनके पास आए थे उन्हें तीन पग धरती दान में दे दी थी। भगवान विषणु ने जब दोनों पग में पूरा ब्रह्माण्ड और सारी सृष्टि नाप ली तो तीसरा पग रखने की जगह नहीं बची।

तब राजा बलि ने स्वयं को दान में दे दिया था। इससे प्रसन्न होकर विषणु जी ने उन्हें पाताल लोक का राजा बना दिया था। दोस्तों, आज हम ऐसे ही कुछ राजाओं के अजीबोगरीब शौक के बारे में आपको बताने जा रहे हैं जिन्हें दुनिया में उनके शौक ने एक अलग पहचान दिलाई है। कई बार तो राजा अपने शौक को पूरा करने के लिए लाखों रुपए यूं पानी की तरह बहा देते थे।

1. जूनागढ़ के नवाब महावत खान बॉबी

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हमारी लिस्ट में सबसे पहले नंबर पर आते हैं जूनागढ़ के नवाब महावत खान बाॅबी। इनका नाम भारत के राजाओं के अजीबोगरीब शौक में सबसे प्रमुख है। इनके शौक की बात करें तो इन राजा को कुत्तों से बेहद प्यार था। हो भी क्यों न, ये बेहद प्यारे और वफादार जानवर होते हैं। जूनागढ़ के महाराज को कुत्तों से इतना लगाव और प्रेम था कि इनके पास 800 से ज्यादा कुत्ते थे।

इतना ही नहीं, खान बाॅबी ने अपने हर एक कुत्ते के लिए एक नौकर रखा हुआ था जो समय-समय पर इनकी देखभाल करता था जैसे कि सुबह और शाम टहलाने ले जाना, नहलाना, समय पर उन्हें भोजन देना आदि। भला कोई सोच सकता है कि केवल कुत्तों के लिए हजारों नौकरों की फौज भी कोई खड़ी कर सकता है। इन नौकरों को राजकोष से बकायदा ढेर सारा धन भी दिया जाता था। मान गए उस्ताद। वाह। अभी तो ट्रेलर है जनाब, पिक्चर तो अभी बाकी है। इन राजा का एक और शौक था जिसे जानकर आपको यकीनन ‘‘शौक’’ लग सकता है।

दरअसल खान बाॅबी हर साल अपने कुत्ते और कुतियों की शाही अंदाज़ में पूरे शानो शौकत के साथ शादी भी करवाते थे। इसके लिए शानदार जलसे का आयोजन भी किया जाता था। इस जलसे में दावत का मजा उड़ाने के लिए उसके रियासत के लोगों के साथ.साथ तमाम राजा महाराजा आते थे। जिस दिन इन कुत्तों की शादी होती थी उसे शुभ दिन घोषित किया जाता था। इतना ही नहीं, राजकीय अवकाश घोषित कर दिया करते थे। जब बंटवारे के बाद यहां के नवाब ने पाकिस्तान प्रस्थान करने की सोची तो वह अपने प्लेन में खुद और तमाम कुत्तों को लेकर गए और अपने राजपरिवार को यहीं पर छोड़ दिया।

2. अलवर के राजा जयसिंह

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अब आपको बताते हैं अलवर नरेश राजा जयसिंह के जीवन से जुड़े एक ऐसे किस्से के बारे में जिसे जानकर आप हैरान रह जाएंगे। आप तो जानते ही हैं कि भारत के राजा किसी भी मामले में अपनी अमीरी दिखाने से पीछे नहीं हटते थे। महाराजा जय सिंह को महंगी गाड़ियों का बहुत शौक था। एक बार उनके इसी शौक ने रोल्स राॅयस कम्पनी को घुटनों पर लाकर खड़ा कर दिया था। हुआ कुछ यूं कि एक बार वर्ष 1920 में राजा जयसिंह लंदन घूमने गए थे। यहां पर वो बिलकुल सादे कपड़ों में रहते थे और किसी को भी पता नहीं चलने देते थे कि वो एक राजा हैं। न तो उनके साथ नौकरों की फौज होती थी और न ही वो अपनी राजशाही पोषाक में रहते थे।

एक दिन ब्रांड स्ट्रीट पर सामान्य कपड़ों में घूमने निकल गए ताकि कोई उन्हें पहचान न पाए। राजा अकेले ही थे। उसी स्ट्रीट पर रोल्स राॅयस का शोरूम भी था। राजा वहां पर गए और सादे कपड़ों में किसी गरीब से कम नहीं लग रहे थे। तब राजा को वहां देख कोई आम आदमी समझकर शोरूम के सेल्स मैन ने उनके साथ बत्तमीजी की और उन्हें धक्के देकर बाहर निकाल दिया। राजा बिलकुल शांत रहे। क्योंकि वो अपमान का बदला अपमान से लेना चाहते थे।

जब वो होटल के कमरे में गए तो बहुत गुस्से में थे। उन्होंने इस कम्पनी को सबक सिखाने की सोची। अगले ही दिन उन्होंने अपने मंत्रियों के हाथ संदेशा भिजवाया कि अलवर के राजा जयसिंह शोरूम में पधारने वाले हैं। इतना सुनते ही सबके कान खड़े हो गए। महाराजा के स्वागत में रेड कार्पेट बिछाया गया। उस सेल्स मैन को अपनी करनी पर पछतावा हो रहा था और डर भी लग रहा था कि न जाने अब उसके साथ क्या होगा। महाराजा जयसिंह ने तुरंत ही शोरूम में खड़ी 6 गाड़ियां खरीद लीं। जब यह गाड़ियां भारत पहुंची तब राजा के आदेश पर इन सभी रॉल्स रायस को शहर की सफाई और कचरा ढोने में लगा दिया।

यह बात जंगल में आग की तरह पूरी दुनिया में फैल गई कि राजा जय सिंह ने कचरा उठाने के लिए इन महंगी गाड़ियों को खरीदा है। इससे पूरी दुनिया में राॅल्स राॅयस की बेज्जती होने लगी। जो लोग उस गाड़ी के दीवाने हुआ करते थे आज उन गाड़ियों को खरीदने का सोचने तक से कतराने लगे थे। ऐसा सिर्फ इसलिए क्योंकि इन गाड़ियों में कचरा उठाया जाता था। भला कोई कचरा उठाने वाली गाड़ी को क्यों खरीदना चाहेगा। राॅल्स राॅयस की मार्केट इमेज की धज्जियां उड़ गईं। साथ ही लोगों ने इस कम्पनी का मजाक उड़ाना भी शुरू कर दिया था।

जहां एक ओर इस कम्पनी के मालिक सोच रहे थे कि अपनी साख कैसे बचाएं तो वहीं दूसरी ओर राजा जयसिंह खुश हो रहे थे कि उन्होंने अपना बदला ले लिया। आखिरकार कम्पनी की तरफ से उन्हें लेटर जारी किया गया जिसमें आग्रह किया गया कि कृप्या इन गाड़ियों से कचरा ना उठवाएं। राजा ने उस कम्पनी को माफ कर दिया और उन गाड़ियों से कचरा उठवाना बंद करवा दिया। कम्पनी ने महाराजा जय सिंह को 6 राॅल्स राॅयस मुफ्त में दीं।

3. मैसूर के राजा कृष्णराज वाडियार चतुर्थ

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चलिए अब मैसूर के महाराजा कृष्णराज वाडियार के अजीबो गरीब शौक के बारे में बताते हैं। इन्होंने अपने नौकरों के बारे में सोचा। उनकी तकलीफ को अपना मानकर उन्हें तेज धूप से बचाने की एक योजना बनाई। राजा वाडियार चतुर्थ ने इसके लिए राल्स रायस कंपनी में विशेष प्रकार की गाड़ी बनवाने का आदेश दे दिया था। इन्होंने ऐसी राॅल्स राॅयस बनवाईं जो कि आटोमेटिक सनरूफ के साथ ही आती थी। इस तरह महाराजा ने लाखों रुपए अपने नौकरों के लिए खर्च कर डाले थे।

 

4. पटियाला के राजा भूपिंदर सिंह

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दोस्तों, आपने अकसर बढ़े बुजुर्गों के मुंह से सुना होगा कि मेहमान भगवान है। यही बात इन जनाब पर भी लागू होती है। पटियाला की रियासत के बादशाह महाराजा भूपिंदर सिंह अपनी मेहमान नवाजी के चलते ही पूरी दुनिया में जाने जाते थे। उनका मानना था कि मेहमानों के स्वागत में कोई कमी नहीं होनी चाहिए।

वे अपनी शानदार तथा भड़कीले मेहमाननवाजी के लिए पूरी दुनिया में जाने जाते थे। एक बार तो राजा भूपिंदर सिंह के निमंत्रण पर ब्रिटेन के राजा जाॅर्ज पंचम भी राजा के निसास स्थान मोतीबाग महल में आए और इनकी महमाननवाजी देखकर दांतों तले उंगली दबाने पर मजबूर हो गए। कहते हैं पटियाला नरेश अपने मेहमानों को सोने की थाली में खाना खिलाते थे। इतना ही नहीं, शराब पीने के लिए जो पात्र दिए जाते थे वो भी हीरांे से जड़े होते थे। साथ ही उनमें बेशकीमती रत्न भी जड़े होते थे। मेहमानों को बिठाकर लाने के लिए महाराजा ने चांदी का एक विशाल रथ भी बनवाया था। जिस पर वो केवल कुछ खास मेहमानों को बिठाकर ही लाते थे।

5. जयपुर के राजा माधो सिंह

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जयपुर नरेश सवाई माधो सिंह द्वितीय को भी एक अजीब तरह का कीड़ा काटता था, हमारा मतलब है उनका शौक भी बहुत अजीब था। अब इसे आस्था से जोड़ें या अंधविश्वास से वो आपकी मरजी। दरअसल, राजा गंगाजल को बहुत महत्व देते थे। वे गंगाजल का नियमित रूप से सेवन भी करते थे। इतना ही नहीं दोस्तों, जब राजा माधो सिंह ब्रिटेन की यात्रा पर जा रहे थे तो राजा ने खास तौर पर जयपुर के कारीगरों को एक विशेष काम के लिए चुना।

राजा ने आदेश दिया कि शुद्ध चांदी से दो विशाल बर्तन बनाए जाएं जिसमें गंगाजल भरकर वह इंग्लैंड लेजाएं। हैरानी की बात है दोस्तों कि इन बर्तनों को बनवाने के लिए कम से कम 14000 चांदी के सिक्कों को पिघलाया गया था। आज इस बर्तन को दुनिया के सबसे बड़े चांदी के बर्तन के होने के कारण ही गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में आधिकारिक रूप से शामिल कर लिया गया है।

तो दोस्तों आशा है आपको इन राजाओं के शौक के बारे में जानकर हैरानी हुई होगी। ऐसी ही इंटरस्टिंग स्टोरीज के लिए बने रहिए हमारी वेबसाइट के साथ।

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