हैल्लो दोस्तों, कैसे हैं आप सब। आज हम जिस टाॅपिक पर आपसे बात करने वाले हैं वो बच्चों, बड़ों और बूढ़ों हर वर्ग के लिए खास है। जब भी आपके बच्चों की गर्मियों या सर्दियों की छुट्टियां पड़ती हैं तो वो जिद करने लगते हैं कि आप उन्हें कहीं घुमाने लेकर जाएं। कई बार आपका मन तो होता है बच्चों के साथ आउटिंग पर जाएं लेकिन आपकी जेब अलाऊ नहीं करती। या कई बार आपको ऑफिस का काम होता है जिसके कारण आप अपने बच्चों के लिए समय नहीं निकाल पाते। लेकिन अगर आप चाहते हैं कि आपके बच्चे कहीं दूर न जाएं और आपकी जेब पर ज्यादा प्रेशर न पड़े तो आप बच्चों को जादू का शो दिखा सकते हैं।
जादू का शो हर गर्मी की छुट्टी में लगभग हर शहर में आयोजित किया जाता है। यह शो कम से कम एक महीने तक चलता है। जिसमें अलग अलग तरह के जादू को देखकर बच्चे खुशी से फूले नहीं समाते हैं। आप सब ने हैरी पॉटर का नाम तो जरूर सुना होगा। शायद ही ऐसा कोई व्यक्ति होगा जिसने हैरी पाॅर्टर की कोई भी सीरीज़् मिस की होगी। हैरी पाॅर्टर फिल्म में एक जादूई नगरी दिखाते हैं। यही जादूई नगरी अपनी ओर खींचती है। आप में से बहुत से ऐसे लोग होंगे जिनके मन में मैजिक शो देखने के दौरान यह ख्याल जरूर आया होगा कि जादूगर ने किसी को हवा में कैसे लटका दिया। या फिर डिब्बे में बंद होकर कैसे पलक झपकते ही बाहर आ जाते हैं। आप सोचते होंगे कि जादूगर की छड़ी में जरूर कोई राज़् छुपा है।
लेकिन हम आपको बता दें ये सब हाथ की सफाई से ज़्यादा कुछ भी नहीं है। आपको बता दें, बहुत साल पहले जादू की नगरी के नाम से कोलकाता को पूरी दुनिया में जाना जाता था। यही कारण है कि जादू का सारा सामान भी कोलकाता में ही मिला करता था। लेकिन आज दुनिया के हर कोने से जादूगर निकल रहे हैं जिन्होंने जादू को एक अलग लेवल तक पहुंचा दिया है। हर जगह जादू का सामान भी आसानी से उपलब्ध होने लगा है। पहले के जमाने में जब यहां राजा,महाराजा शासन चलाते थे तो उन्हें खुश करने के लिए जादू को एक कला के रूप में पेश किया जाता था।
जादूगर राजा के सामने अपनी कला का प्रदर्शन करके उसे मंत्रमुग्ध कर देता था और फिर राजा उसे अलग-अलग उपहार देते थे। फिर एक समय ऐसा भी आया जब धीरे.धीरे राजशाही खत्म होने लगी। तब सभी जादूगर कंगाली की कगार पर आ गए थे। कुछ जादूगरों ने पेट पालने के लिए जादू की कला छोड़ दी और सड़कों पर मदारी का खेल दिखाने लगे। बाद में जब जादूगर कुछ पढ़ने-लिखने लगे तब जादू की कला को एक नया जन्म मिला। इस कला को लोगों के लिए दिखाया जाने लगा। बताते चलें कि 1584 मेंए रेजिनोल्ड स्काॅट की किताब प्रकाशित हुई थी जिसका नाम था ‘द डिस्कवरी ऑफ विचक्राफ्ट ’। इसे ही जादू की पहली किताब माना जाता था।
क्या है जादू
दोस्तों, पुराने जमाने में जादू का यह खेल भारत के अलावा चीन में ही लोगों के मनोरंजन के लिए दिखाया जाता था। जादू दिखाने का यह खेल अब काफी फल.फूल रहा था। आज के समय में पूरी दुनिया में जादूगरों को सम्मान और पैसा दोनों मिलता है। जादू को एक ऐसी प्रदर्शन कला के रूप में परिभाषित कर सकते हैं जिसमें हाथ की सफाई दिखाकर मंच के माध्यम से लोगों को भ्रमित किया जाता है। ऐसी ऐसी चीज़् की जाती हैं जिन पर यकीन कर पाना किसी भी साधारण व्यक्ति के लिए नामुमकिन होता है।
जैसे कि खाली पिंजरे से कबूतरों को निकालना, कागज को जलाकर उसे फूल बना देना, रुमाल में से अंगूठी गायब करना, किसी को हवा में गायब करना या फिर किसी का पलक झपकते ही कपड़े बदल लेने का जादू। ये करतब तो जादूगर स्टेज पर करते हैं इन्हें जादुई हाथ की सफाई तथा भ्रम जाल भी कहा जा सकता है। जादूगर के हाथ किसी सुपर फास्ट मशीन की करह काम करते हैं। इतनी तेज़् कि हमारी और आपकी नजर उसे कभी पकड़ ही नहीं पाती है कि वह क्या कर रहा है। ऐसा एक दिन में नहीं होता है। इसके पीछे उनकी कई वर्षों की कड़ी मेहनत छुपी होती है।
कैसे हुई जादू की शुरुआत
जब कोई चीज इंसान को समझ नहीं आती तो वह उसे जादू मान लेता है या फिर भगवान। लेकिन वास्तव में देखा जाए तो अपने अपने क्षेत्र में जो भी सर्वश्रेष्ठ है उसके अंदर जादू है और वह जादूगर। जैसे सचिन के बल्ले में, लता की आवाज में और रहमान के संगीत में है जादू। अंग्रेजी के शब्दों से भी मैजिक का अर्थ समझा जा सकता है। कुछ लोगों ने मैजिक का फुल फाॅर्म अलग ही अंदाज़् में बताया है। इनके मुताबिक एम से बनता है मिस्ट्री ए से एम्यूजमेंट समझ सकते है जी से मतलब है ग्लोरीए आई स्टैंड्स फाॅर इल्यूजन और सी से बनता है चेलेंज।
मशहूर जादुई हस्तियां
चलिए दोस्तों, अब हम आपको कुछ फेमस जादू के शहनशाओं के बारे में बताते हैं।
डेविड कॉपरफील्ड, डेविड का जन्म यूएसए के न्यू जर्सी में हुआ था। कहते हैं किसी भी चीज़् को शिद्दत से चाहो तो पूरी कायनात उसे तुमसे मिलाने में लग जाती है। ऐसा ही कुछ इनके साथ हुआ। 10 साल की उम्र से ही डेविड ने जादू का खेल दिखाना शुरू कर दिया था। इनकी कड़ी मेहनत के बल पर ही केवल 16 वर्ष की आयु में इन्हें न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी में मैजिक का कोर्स करने का मौका मिल गया। आप हैरान रह जाएंगे यह जानकर कि अब तक करीब 11 बार डेविड काॅपरफील्ड ‘गिनीज़् बुक ऑफ वल्र्ड रिकाॅर्ड’ में अपना नाम दर्ज करा चुके हैं।
हैरी हुडनी , दोस्तों, हैरी हुडनी का जन्म सन् 1874 में हंग्री-अमेरिका में हुआ था। इन्हें विशेष रूप से जादू के दौरान अपने स्टंट के लिए जाना जाता था। दुर्भाग्य वश महज़् 52 साल की उम्र में ही उनकी मौत हो गई थी।
शिमाडा पूरी दुनिया में क्लासिकए एलिगेंट एवं ऑरिजिनल परफॉर्मर के रूप में हरुओ शिमाडा ने अपनी पहचान बनाई। इनका जन्म वर्ष 1940 में टोकियो में हुआ था। ऑल टाइम सक्सेसफुल मैजिशियन के रूप में शिमाडा का नाम सुनहरे अक्षरों में दर्ज कर लिया गया है।
ब्लैक स्टोन रू यूएसए के मिसिगन में साल 1885 में जादूगर ब्लैक स्टोन का जन्म हुआ। 20वीं सदी में ही स्टेज मैजिशियन के रूप में ब्लैक स्टोन ने जादू की दुनिया में अपनी एक अमिट छाप छोड़ी थी। 80 वर्ष की उम्र में उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया।
आशा है दोस्तों, आपको हमारा ये आर्टिकल पसंद आया होगा। एसी ही अमेजिंग स्टोरीज़् को जानने के लिए बने रहिए हमारे साथ।