‘जल ही जीवन है’ कहावत को झुठलाते हैं ये दस प्राणी

दोस्तों, अगर हम आपसे कहें कि आपको एक लाख रुपए मिलेंगे। बस शर्त यह है कि आपको एक हफ्ते तक पानी का एक घूंट तक नहीं पीना है तो आप क्या कहेंगे। जल्दी से हमें कमेंट सेक्शन में बताइए। हमें पता है आप मना कर देंगे। हो सकता है आप में से कुछ लोग यह भी कहें कि वो ये चैलेंज पूरा कर लेंगे। ऐसा करने भी लगेंगे लेकिन करीब दो दिन बाद ही उनके शरीर में कुछ बदलाव होने लगेंगे और उन्हें काफी सारी दिक्कतें महसूस होंगी।

हमारी सलाह यही है कि आप ऐसा बिलकुल भी न करें। क्योंकि पानी हमारे शरीर के लिए बेहद जरूरी है। एक्सपर्ट का मानना है कि हर व्यक्ति को दिन के आठ ग्लास पानी पीना जरूरी है। अगर हम पानी न पिएं तो हमें बहुत सारी शारीरिक दिक्कतें झेलनी पड़ेंगी। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ ऐसे जीव भी इस धरती पर हैं जो कभी पानी नहीं पीते। पानी के बिना जीवन की कल्पना तक नहीं की जा सकती। मगर ये जीव बिना पानी की एक घूंट पिए सालों तक जिंदा रहते हैं।

आज हम कुछ ऐसे ही जीवों के बारे में आपको बताने जा रहे हैं। तो तैयार हैं न आप, हमारे साथ जंगल की सैर पर चलने के लिए।

1. मेलवर्म

दोस्तों, ये जीव लार टेटल नामक एक प्रजाती के ही लारवा रूप होते हैं। आपने अकसर इन्हें अपने घर के गार्डन में भी देखा होगा। अंडा, प्यूपा, लार्वा और वयस्क। ये जीव अन्य जीवों की तरह ही इन चार चरणों से गुजरते हैं। इन जीवों के अंदर एक ऐसा सिस्टम गाॅड फादर ने फिट किया होता है जो इनके शरीर को नमी देता है। वो सिस्टम है क्रिप्टोनफ्रिडियल। इसकी मदद से इनके गुर्दे नमी को एब्जॉर्ब कर लेते हैं। इसके बाद उस नमी को वापस आंत के अंदर भेज देते हैं। इसी कारण ये जीव कभी पानी नहीं पीता

2. अरेबियन सैंड गजेल

चलिए अब आपको एक और ऐसे जानवर के बारे में बताते हैं जो पानी को हाथ तक नहीं लगाते हैं। दरअसल यह जानवर मूलतः अरेबियन और सीरियाई रेगिस्तान की ही एक प्रजाती है। आपको ये जानवर संयुक्त अरब अमिरात, साउदी अरब, दक्षिण-पूर्वी तुर्की और ओमान में देखने को मिल जाएंगे। इनकी खासियत यह रहती है कि ये हमेशा जंगल में रहना और खास तौर पर ऐसी जगह रहना पसंद करते हैं जहां पर आबादी कम हो। कुवैत, जाॅर्डन, ईराक और सीरिया जैसे इलाकों में भी ये जानवर देखने को मिलते हैं। इस जानवर की खासियत यह है कि यह अपने आपको समायोजित कर लेता है जब भी कभी इसे भूख और प्यास की कमी पड़ती है।

आपको बता दें कि इस जानवर पर एक रिसर्च भी सामने आई है। यह रिसर्च फिजियोलाॅजिकल एंड बायोलाॅजिकल जूलाॅजी के अंदर छपा है। दोस्तों अब जो फैक्ट हम आपको बताने जा रहे हैं उसे जानकर आप हैरान रह जाएंगे। ये गजेल अपने दिल और लिवर को सिकोड़ने में सक्षम है। ऐसा ये तब करता है जब इसके आस पास न तो भोजन होता है और न ही पानी। ऐसी स्थित में गजेल कम सांस लेकर पानी की कमी से होने वाली हानी से बच जाता है। जैसा कि आप जानते ही हैं, रेगिस्तान और मरूस्थलों में पानी की कितनी भारी किल्लत रहती है। यही कारण है कि इस जीव को केवल वनस्पति से मिलने वाले नाम मात्र के पानी को पीकर ही संतुष्ट होना पड़ता है। रिसर्च में पाया गया है कि गजेल के दिमाग के अंदर काफी ज्यादा मात्रा में वसा यानी कि फैट मौजूद रहता है। यही उसकी पानी की कमी को झेलने में सहायक होता है।

3. फ्रेश वाॅटर मछली

चलिए अब आपको पानी के अंदर ले चलते हैं। यहां आपको मिलवाते हैं एक ऐसी जल की रानी से जो कि जल में रहते हुए भी उसे कभी नहीं पीती है। आप तो जानते ही हैं कि समुद्र कितना खारा होता है। अगर हम आपको ये खारा पानी पीने को दे तो आप एक घूंट भी नहीं पी पाएंगे क्योंकि इसमें नमक की मात्रा अधिक होती है। आप मीठे पानी की तलाश में ही रहेंगे। अब जरा सोचिए कि जो मछली मीठे पानी में रहती है आखिर वो उस पानी को पीती क्यों नहीं है? माना कि मछली को जिंदा रहने के लिए नमी की जरूरत पड़ती है। लेकिन वो अपनी नमी अपने शरीर से ही लेती है। वैसे हम आपको बता दें, कि हम तो समुद्र का पानी नहीं पी सकते लेकिन जो मछली खारे पानी में रहती है वो उस पानी को पीती हैं। लेकिन उसे शरीर से बाहर निकालने के लिए उनके पास विशेष आर्गन होते हैं।

 

4. मेंढक

हम जानते हैं कि इस जानवर के बारे में सोच कर ही आप में से कई लोगों को घिन आने लगी होगी। कुछ लोगों को मेंढकों से बहुत डर लगता है। मेंढक चाहे छोटा आकार का हो या फिर बड़ा, लेकिन उसका सामने बड़े बड़ों के पसीने छूट जाते हैं। चलिए आज हम मेंढक के बारे में कुछ रोचक तथ्य आपको बताते हैं। दरअसल मेंढक भी उन जानवरों की लिस्ट में शामिल है जो पानी नहीं पीते हैं लेकिन फिर भी जिंदा रहते हैं। मेंढक अपनी खास तौर पर बनी हुई स्किन से ऑक्सीजन लेता है। कई बार मेंढक पानी को एब्जाॅर्ब करने के बाद ऑक्सीजन एब्जाॅर्ब करता है। मेंढक पानी को ऑक्सीजन से अलग करने में उस्ताद होते हैं। अब नमी तो सबके लिए जरूरी है जो पानी से ही मिलती है।

लेकिन मेंढक के केस में थोड़ा उल्टा है। यहां नमी देने के लिए मेंढक के शरीर में ही एक विशेष प्रकार का बलगम प्रोड्यूस होता है। मेंढक की त्वचा काफी ज्यादा कठोर होने के कारण यह जल्दी से सूखती नहीं है और इनके शरीर की नमी काफी दिनों तक बनी रहती है। मेंढक जन्य जीवों की तरह ही पानी को पीने की बजाए अपने छिद्र वाली स्किन से पानी को केवल एब्जाॅर्ब कर लेता है। आपने ठंडे पानी की बाॅटल तो देखी ही होगी जिसके उपर पानी जम जाता है। बस मेंढक भी कुछ ऐसे ही काम करता है। यह इंटरस्टिंग फैक्ट जानकर आपको कैसा लगा हमें जरूर कमेंट करके बताएं। आपने देखा होगा कि मेंढक अकसर पानी में या तालाबों में रहते हैं। इसका कारण यही है कि वे अपनी जरूरत के पानी को एब्जाॅर्ब कर पाएं।

5. टाइगर सेलेमेंडर

दोस्तों अब आपको नाॅर्थ अमेरिका लेकर चलते हैं। यहां पर एक ऐसा जीव पाया जाता है जो बहुत ही अद्भुत है। हम बात कर रहे हैं टाइगर सेलेमेंडर की। अगर बात की जाए इसकी उम्र की तो ये सेलेमेंडर करीब 12 से 15 वर्षों तक जीवित रहते हैं। 6 से 8 इंच की लंबाई तक पाए जाने वाले ये जीव बहुत अद्भुत हैं। इन्हें प्रकृति ने अलग अलग रंगों का उपहार दिया है। सेलामेंडर कभी भी अपने मुंह से पानी नहीं पीते हैं। जिन जीवों जैसे छोटो मोटे कीड़े और मेंढक का ये शिकार करते हैं उन्हीं की नमी को अपने शरीर में एब्जाॅर्ब कर लेते हैं। इतना ही नहीं, ये जीव नम वातावरण में मौजूद नमी को भी अपने में समा लेते हैं।

6. व्हाइट नैक वुड्रैट

दोस्तों यह जीव क्रिकटाइडे में चूहों की ही एक प्रजाती होती है। देखने में यह बिलकुल चूहे जैसा ही लगता है। इस जीव को आप मैक्सिको एवं संयुक्त राज्य अमेरिका में कोलोराडो और उटाहा नामक स्थान पर देख सकते हैं। प्रकृति जो भी करती है बहुत सोच समझ कर करती है। इस जीव को प्रकृति ने बड़ी बड़ी आंखें इसलिए दी हैं ताकि यह रात के समय आसानी से रास्ता देख सके। इसे अच्छे से सुनाई दे इसलिए इसे बड़े बड़े कान मिले हुए हैं। ये जीव भी कभी पानी नहीं पीते।

इन्हें जो पानी चाहिए होता है वो अपने आहार के माध्यम से ही प्राप्त करते हैं। जब बहुत अधिक गर्मी पड़ती है और इनके शरीर में पानी की कमी होने लगती है तो ये अलग प्रकार के जुगाड़ अपनाते हैं उससे बचने के लिए। एक और बात जो इन्हें अद्भुत बनाती है वो है इनका घोंसला बनाना। आपने अकसर चिड़िया को ही घोंसला बनाते हुए देखा होगा मगर ये ऐसी पहली चूहों की प्रजाती है जो चमकीली चीज़ो से घोंसला बनाती है। इनका जीवन काल 6 वर्ष का होता है।

7. डेजर्ट-ड्वेलिंग लिजार्ड

 

अब हमारी नाॅलेज की डायरी में अगला नंबर इस जीव का आता है।  यह छिपकली वैज्ञानिकों के लिए रिसर्च करने की पहली पसंद है। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह छिपकली पानी पीती ही नहीं है। जब कुछ वैज्ञानिकों ने इस छिपकली पर रिसर्च की तो मालूम चला कि छिपकली की त्वचा के नीचे कुछ ऐसी नलिकाएं मौजूद होती हैं जो उनकी पानी की कमी को पूरा करती हैं। ये छिपकली ओस के पानी को अब्जाॅर्ब करती है। इसके अलावा अपने शरीर से सुपरहाइड्रोफिलिक को रिलीज़् करके ये रेत की नमी को भी सोख लेती है।

8. कोआला

दोस्तों, हमारी लिस्ट में आठवें नंबर पर आता है कोआला। यह भी कभी पानी नहीं पीता। हमें कमेंट करके बताइए आप में से कितने लोगों ने इस जानवर का नाम पहले सुना है। हालांकि जर्मनी में इस जानवर पर जब रिसर्च हुई तो पाया गया कि अगर इनके आस पास पानी रखा जाए तो ये उसे पी भी सकते हैं। लेकिन पानी पीना इनके लिए कम्पल्सरी नहीं होता है। कोआला ऐसी जगह पर रहना पसंद करते हैं जहां पर शिकारी इन्हें कोई नुकसान न पहुंचा सकें।

जो बात इन्हें दूसरों से अलग करती है वो है कि ये जानवर करीब बीस घंटों तक सोते ही रहते हैं। खाने के लिए ये नील गिरी के पत्तों को उपयोग में लाते हैं। एक शोध में पाया गया है कि कोआला केवल उन्हीं पत्तियों को खाना पसंद करता है जिनमें 55 से 65 प्रतिशत तक पानी कम हो। सारा दिन आराम करने के कारण इनकी कैलोरी कम बर्न होती है और इन्हें पानी नहीं पीना पड़ता।

9. फेलिस मार्गारीटा हरिसोनी

अब आपको हम बताने जा रहे हैं एक ऐसी बिल्ली के बारे में जो कभी पानी नहीं पीती। जी हां। सही सुना आपने। ये रेगिस्तान में रहने वाली बिल्ली कभी पानी नहीं पीति। भोजन के रूप में यह खरगोश, मकड़ी, पक्षी यहां तक कि कई बार तो जहरीले सांप तक को खा जाती है। अफ्रीका के सहारा रेगिस्तान, ईरान, अफ्गानिस्तान, पाकिस्तान, अल्जीरिया आदि जगहों पर पाई जाती है।

 

10. कंगारू चूहा

अब लास्ट बट नाॅट द लीस्ट। अब हम आपको कंगारू चूहे के बारे में बताएंगे। यह चूहा कभी पानी नहीं पीता है। यह अकसर रात के समय ही शिकार करता है। दिन के समय गर्मी होने के कारण यह बिल में ही घुसा रहता है। कंगारू चूहे अपने पानी की जरूरत को खाने से ही पूरा करते हैं। ये चूहा भी बड़ा जुगाड़ू है दोस्तों। दिन में जब बहुत ज्यादा गर्मी पड़ती है तो पानी की कमी से बचने के लिए यह अपनी नाक को काफी नम कर लेता है। इसके लिए वह घांस या किसी अन्य नमी वाली जगह पर चला जाता है।

तो उम्मीद करते हैं कि हमारा ये आर्टिकल आपको पसंद आया होगा। हमें कमेंट करके जरूर बताइएगा कि इनमें से आपको कौन सा जानवर सबसे अजीब लगा। ऐसी ही और स्टोरीज़् के लिए बने रहिए हमारी वेबसाइट ग्लोबल केयर के साथ।